Anshuman Gaekwad demise: भारतीय टीम के पूर्व कोच का निधन, कैंसर से लंबे समय तक की लड़ाई

Anshuman Gaekwad
Anshuman Gaekwad demise

भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। अंशुमन गायकवाड़ लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे। गायकवाड़ के पास अपना इलाज करने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में बीसीसीआई ने उनकी मदद की थी। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर शोक जताया है।

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भारतीय क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को निधन हो गया। उन्‍होंने 71 की उम्र में आखिरी सांस ली। अंशुमन गायकवाड़ लंबे समय से कैंसर से लड़ाई लड़ रहे थे। लंदन के किंग्‍स कॉलेज अस्‍पताल में उनका इलाज चल रहा था।बीसीसीआई सचिव जय शाह ने अंशुमन गायकवाड़ के निधन पर शोक जताया है। जय शाह ने एक्‍स पर लिखा, ‘श्री अंशुमन गायकवाड़ के परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। संपूर्ण क्रिकेट जगत के लिए हृदयविदारक। उसकी आत्मा को शांति मिले।’मुंबई में जन्मे क्रिकेटर ने भारत के लिए 55 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और बड़ौदा के लिए 250 से अधिक घरेलू मैच खेले। उन्होंने एेडन गार्डन्स में वेस्ट इंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और 1987 में अपना अंतिम वनडे खेला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गायकवाड़ के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।

Anshuman Gaekwad
Anshuman Gaekwad Demise

“श्री अंशुमान गायकवाड़ जी को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा,” पीएम मोदी ने अपने X पोस्ट में कहा। “वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और एक उत्कृष्ट कोच थे। उनकी मृत्यु से दुखी हूं। परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।”

— नरेंद्र मोदी (@narendramodi)

गायकवाड़ भारतीय टीम के कोच भी थे, जिसने 2000 के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता के रूप में समाप्त किया।बीसीसीआई ने गायकवाड़ के इलाज के लिए 1 करोड़ रुपये दिए और 1983 की विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी क्रिकेटर की मदद के लिए आगे आए।गायकवाड़ ने 22 वर्षों की करियर अवधि में 205 प्रथम श्रेणी मैच खेले।उन्होंने बाद में भारतीय टीम के कोच के रूप में कार्यभार संभाला। उनके शानदार क्षणों में 1998 में शारजाह में और 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ फेरोज़ शाह कोटला में अनिल कुंबले की एक पारी में 10 विकेट लेने की घटना शामिल है।

अंशुमान गायकवाड़ का क्रिकेट  का करियर

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अंशुमान गायकवाड़, भारतीय क्रिकेट के एक प्रमुख खिलाड़ी और कोच रहे हैं। उनका क्रिकेट करियर न केवल उनके खेल कौशल के लिए बल्कि उनके कोचिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत 1978 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ एेडन गार्डन्स में टेस्ट क्रिकेट से की। उन्होंने कुल 55 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिसमें 25 टेस्ट मैच और 30 वनडे शामिल हैं। उनके टेस्ट करियर में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से टीम को महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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घरेलू क्रिकेट में गायकवाड़ ने बड़ौदा के लिए 250 से अधिक मैच खेले और 205 प्रथम श्रेणी मैचों में भाग लिया। उनकी बल्लेबाजी और खेल समझ के कारण वे घरेलू क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बने।गायकवाड़ ने कोच के रूप में भी भारतीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय टीम के कोच थे जब टीम ने 2000 के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में उपविजेता का खिताब हासिल किया। उनके कोचिंग के तहत भारतीय टीम ने कई प्रमुख क्रिकेट टूर्नामेंट्स में सफलता प्राप्त की।

गायकवाड़ के करियर में कई यादगार क्षण रहे, जैसे कि 1998 में शारजाह में उनकी कोचिंग और 1999 में फेरोज शाह कोटला में अनिल कुंबले का 10 विकेट लेने का ऐतिहासिक प्रदर्शन।उनकी क्रिकेट यात्रा ने उन्हें एक प्रशंसा प्राप्त कोच और खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया, और उनकी विरासत भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

Anshuman Gaekwad के निधन की खबर ने दिल को छू लिया। उनके बिना क्रिकेट जगत की कमी महसूस होगी। वे न केवल शानदार खिलाड़ी थे बल्कि एक प्रेरणादायक कोच भी। उनके योगदान और यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें।